Sambhal Shahi Jama Masjid President interim bail plea rejected regular petition to be heard on April 2.

संभल शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. नियमित जमानत पर दो अप्रैल को सुनवाई होगी. बीते दिनों मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. जेल में बंद जफर अली की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें उन्हें झटका लगा है. उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है.

बता दें कि कोर्ट के आदेश पर बीते साल नवंबर में मस्जिद का सर्वे हुआ था. इस दौरान हिंसा भड़की थी. इस दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए थे. हिंसा के बाद तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

अब तक कितने लोगों पर हुई कार्रवाई

संभल हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 50 से ज्यादा लोगों को जेल भेज चुकी है. इसमें से कई महिलाएं भी हैं. हिंसा के अगले दिन25 नवंबर को पुलिस ने जफर अली से कोतवाली में पूछताछ की थी. पुलिस का दावा है कि जामा मस्जिद के सदर जफर अली को सबसे पहले सर्वे के बारे में जानकारी मिली थी.

हिंसा में जफर अली का क्या रोल?

पुलिस के मुताबिक, जफर को सबसे पहले 19 नवंबर को सर्वे की जानकारी थी. भीड़ की मौजूदगी में वहां सर्वे शुरू हुआ था. इसके बाद 24 नवंबर को भी सर्वे के बारे में जफर को पता था. तभी एक बार फिर से भीड़ जुटाई गई थी. इसी दौरान हिंसा हुई थी. 24 नंवबर 2024 को सर्वे के दौरान लोगों ने पत्थरबाजी और फायरिंग की थी. इस पर मामला दर्ज किया गया था.

पुलिस का कहना है, इसी मामले में जामा मस्जिद के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा. इससे पहले सदर से पूछताछ की गई. सदर को संपत्ति निवारण अधिनियम के मामले में जेल भेजा गया. जफर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191(2),191(3), 190, 221, 125,132, 324(5), 196, 230,231 और सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत कार्रवाई की गई है.

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